Tuesday, January 8, 2008
भरोसा....
वह सब कीया, पर भरोसा नही कीया |
कभी कीसी के साथ धोखा नही कीया ||
दीवाली के दीये लहू से जलाये है मैंने |
जुगनू पकड़ कर घर मैं उजाला नही कीया ||
मगरूर जींदगी फ़क़त गरीबी मैं काट दी मैंने |
मगर कीसी अमीर के सामने सजदा नही कीया ||
यह सर्द रातें नंगी सडको पर काट दी मैंने |
चादर खीच कर कीसी को रुसवा नही कीया ||
वह सब कीया, पर भरोसा नही कीया |
कभी कीसी के साथ धोखा नही कीया ||
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