Thursday, August 21, 2008

कभी कभी

कभी रस्ते मैं मिल जाओ तो कतरा कर गुज़र जाना |
हमें इस तरह तकना जैसे पहचाना नही तुमनें ||
हमारा ज़िक्र जब आए तो यूँ अंजान बन जाना |
कि जैसे नाम सुन कर भी हमें जाना नहीं तुमने ||

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